मुसाफ़िर हूँ यारों
लोगो के दिल तक है जाना
चहूँ और रहा ढूंढ़
पथ जिस पर है जाना
क्या साधन अपनाऊँ, कैसे जाऊं
मुझे लोगो के दिल तक है जाना
बड़ी है यह कठिनाई
हर व्यक्ती लगे मुझे अनजाना
हमसफ़र ढूँढू, या खुद निकल जाऊं
मुझे लोगो के दिल तक है जाना
कार्य कठिन है बड़ा
अपेक्षाओ को पूरा कर पाना
आशीर्वाद पाऊँ की सफल कर जाऊं
मुझे लोगो के दिल तक है जाना
हंसी का नहीं खेल
हर व्यक्ती संग मुस्कुराना
लतीफे सुनाऊँ या खुद बन जाऊं
मुझे लोगो के दिल तक है जाना
सोच रहा बन डाकिया
ले कर प्यारा सा अफसाना
घर तक जाऊं, हर दर ठक ठकाऊँ
मुझे लोगो के दिल तक है जाना
या फिर बन पंछी
दिखा के कैसे उड़ पाना
सब को सिखाऊँ, उन का बताऊँ
मुझे लोगो के दिल तक है जाना
ऐसे ले कर मीठे बोल
बन कर एक सुरीला गाना
छु जाऊं, हर मन को जताऊँ
मुझे लोगो के दिल तक है जाना
कहो तो इतिहास बन
सुनाऊँ सबको किस्सा पुराना
याद आऊँ, मानस पटल
छप जाऊं
मुझे लोगो के दिल तक है जाना
गर बन जाऊं लहू
बता सकू, कैसे है बहते जाना
दौड़ जाऊं, राग राग में समाऊँ
मुझे लोगो के दिल तक है जाना
डगर भले लम्बी बहुत
हर दिल बन जाए मेरा ठिकाना
मुसाफ़िर हूँ यारों, यही चाहूँ
मुझे लोगो के दिल तक है जाना
लव 'मुसाफ़िर'